भारत ने 60 साल में एक भी आविष्कार नहीं किया

नई दिल्ली:  इंफोसिस के संस्थापक और भारत में आईटी दिग्गज नरायाण मूर्ति ने इस बात पर दुख जताया है कि आजाद भारत के साठ साल के इतिहास में एक भी ऐसा आविष्कार नहीं हुआ जिसकी चर्चा वैश्विक स्तर पर हो.
भारतीय विज्ञान संस्थान में दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मूर्ति ने कहा, ‘’क्या भारत ने एक भी ऐसा आविष्कार किया है  जिसने दुनिया के हर घर में पहचान बनाई हो?’’

इसके साथ ही मूर्ति ने कहा, ‘’भारत ने कोई ऐसा कोई तहलका मचाने वाला विचार भी नहीं दिया जिसके आधार पर कोई ऐसा आविष्कार हुआ हो जिसका वैश्विक स्तर पर योगदान रहा हो.’’ मूर्ति ने कहा, “दोस्तों पिछले साछ सालों में भारत ने वैश्विक स्तर पर कोई विशेष योगदान नहीं दिया.’’

मूर्ति ने यह बात ऐसे समय में की है, जब भारत के कई आईटी दिग्गज शियाकत करते रहे हैं कि भारत से टैलेंट बाहर जाता रहा है.

मूर्ति ने आगे कहा, “ जिन दो विचारों ने वैश्विक स्तर पर कंपनियों की उत्पादक्ता में बदलाव लाया वे थे, वे थे ग्लोबल डिलिवरी मॉडल और 24 घंटे का काम करना, ये दोनों ही विचार इंफोसिस ने दिए.’’

मूर्ति ने भारत के आईटी छात्रों की तुलना पश्चिमी विश्वविघ्यालयों के आईटी छात्रों से करते हुए कहा, ‘’मुझे भारत के छात्र के बुद्दिमत्ता के स्तर पर पश्चिम के छात्रों के समकक्ष ही हैं. इसके बावजूद हमारे छात्रों ने ऐसा प्रभावशाली अनुसंधान कार्य नहीं किया.’’

मूर्ति ने कहा, ‘’घरों में उपयोग होने वाले अनेक उपकरण मसलन, कार, बल्ब, रेडियो, टीवी, कम्प्यूटर, इंटरनेट, वाईफाई, एमआरआई, लेजर, रोबोट जैसे आविष्कार में वेस्टर्न यूनीवर्सिटीज़ के स्टूडेंट्स का हाथ रहा है.‘’

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